शादी से पहले घर पर रहने आ गया मंगेतर, लडक़ी हो गई गर्भवती, बच्चा होते ही…
हाटपीपल्या. शादी से पहले ही मंगेतर नाबालिग लडक़ी के घर में रहने लगा। वहां उसके लडक़ी से संबंध बन गए तो उसे गर्भ ठहर गया। लडक़ी के पिता को छोडक़र ये बात घर में सभी को पता थी, लेकिन इसे अंत तक सभी दबाते रहे। जब बच्चा हुआ तो उसे परिजन ने झाडिय़ों में फेंक दिया। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए परिवार के पांच सदस्यों पर प्रकरण दर्ज किया है। इसमें नाबालिग लडक़ी का मंगेतर, उसकी मां, नाबालिग लडक़ी व उसकी मां व अन्य शामिल हैं।
must read : बेटी को स्कूल से लाने निकली महिला छह साल के बेटे के साथ गायब, परिवार में मचा हडक़ंप पुलिस के अनुसार नाबालिग बालिका की सगाई हो गई थी, जिसके कारण आरोपी उसके घर पर ही रहता था। इस बीच उनके संबंध बन गए और लडक़ी गर्भवती हो गई। शादी नहीं होने के डर के कारण उन्होंने गर्भ होने की बात समाज और सभी से छुपा कर रखी। 3 सितंबर को सुबह 6 बजे नाबालिग को आरोपीगण हाटपीपल्या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए।
must read : लडक़ी ने इनकार किया तो गुस्साए प्रेमी ने मल्टी में लगा दी आग, झुलस गए थे सात लोग यहां पर प्रसूता की डिलीवरी होने के बाद अस्पताल में कोई किसी प्रकार की कोई जानकारी दिए बिना नवजात शिशु को साथ लेकर निकल गए। सुबह 9 बजे आरोपी नवजात बच्चे को शादीपुरा बरखेड़ा के बीच में झाडिय़ों में छोडक़र अपने घर चले गए। पुलिस ने पूछताछ के आधार पर जानकारी जुटाते हुए आरोपियों को पकड़ लिया। पुलिस ने धारा 317, 307 की धाराओं में मंगेतर व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया।
जिला अस्पताल से जांच के लिए आई टीम इधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिला अस्पताल से नवजात शिशु के मामले में जानकारी लेने के लिए आई टीम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर एवं नर्स, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से पूछताछ की। जिला अस्पताल से आए अधिकारियों द्वारा बताया गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात शिशु को प्रसूता व उसके परिजन 3 सितंबर को सुबह 6 बजे डिलीवरी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए थे, यहां पर मौजूद डॉक्टरों एवं नर्स द्वारा तुरंत प्रसूता को भर्ती कर डिलीवरी करवाई गई।
must read : अवैध हथियारों की बड़ी खेप पकड़ाई, सात आरोपियों से मिली 21 रिवॉल्वर और पिस्टल डिलीवरी होने के बाद व कागजी कार्रवाई की सारी प्रक्रिया करने के बाद परिजन को बच्चे के कमजोर होने की जानकारी दी गई। अस्पताल कर्मचारी द्वारा रैफर के कागज तैयार किए जा रहे थे कि प्रसूता के परिजन बिना कोई जानकारी दिए अस्पताल से प्रसूता एवं नवजात शिशु को लेकर चले गए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता से पूछा तो उन्होंने भी जानकारी नहीं होने की बात कही।