सांसद सिंधिया शताब्दी एक्सप्रेस से ग्वालियर आए और स्टेशन से ही उनकी गाड़ी में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,इमरती देवी,लाखन सिंह यादव,शहर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा,ग्रामीण अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल बैठ गए थे। बताया जाता है कि गाड़ी में ही तय हो गया था कि कांग्रेस कार्यालय में बैठक बुलाकर प्रियदर्शिनी राजे के नाम का प्रस्ताव पारित किया जाए। इसके बाद शहर जिलाध्यक्ष डॉ. शर्मा ने दोपहर तीन बजे कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने की सूचना जारी कर दी। सिंधिया पौने एक बजे कोलारस रवाना हो गए और इधर कांग्रेस कार्यालय में प्रियदर्शिनी के लिए प्रस्ताव पारित हो गया और उसे तुंरत ही राहुल गांधी को भी भेज दिया गया था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपनी पत्नी प्रियदर्शनी राजे को ग्वालियर से चुनाव लड़ाने का आग्रह किया है। सिंधिया गुना सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात रविवार को पत्रकारों के साथ हुई अनौपचारिक चर्चा के दौरान कही थी।
ग्वालियर सीट से कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह प्रबल दावेदार हैं। मोदी लहर के बावजूद वह पिछला चुनाव महज 34 हजार वोटों से हारे थे। सिंह पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव खेमे के कहे जाते थे। सिंधिया ने ग्वालियर में उनके समर्थन में एक भी सभा या रैली नहीं की थी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक गुना-शिवपुरी से ही लड़ते रहे हैं। इसलिए चर्चा यह भी है कि जब सीट बदलने का दबाव बनेगा तो वे ग्वालियर का दावा ठोक सकते हैं। क्योंकि ग्वालियर से भी कभी नहीं लड़े। इंदौर उनके लिए कांटे का ताज होगा। ग्वालियर सीट पर सीधे तौर पर महल का प्रभाव रहा है। इसलिए गुना-शिवपुरी सीट छोडऩे का दबाव बनने पर सिंधिया ग्वालियर की बात कह सकते हैं।
सिंधिया के मुकाबले ग्वालियर में भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि जो बैठक बीते रोज हुई थी वह सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी,जिससे प्रियदर्शिनी के बहाने सिंधिया को आगे किया जाए। वहीं प्रियदर्शिनी को भी टिकट मिलता है तो भी कांग्रेस को जीत का भरोसा रहेगा।