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ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से तो पत्नी प्रियदर्शिनी राजे भी यहां से लड़ सकती है लोकसभा चुनाव!

locationग्वालियरPublished: Mar 29, 2019 03:51:57 pm

Submitted by:

monu sahu

ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से तो पत्नी प्रियदर्शिनी राजे भी यहां से लड़ सकती है लोकसभा चुनाव!

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ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे यहां से लड़ सकती है चुनाव!

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव में महज अब कुछ ही समय शेष बचा हुआ है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस व बसपा सहित कई पार्टियों में टिकट बंटबारे का सिलसिला शुरू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव में दांव पेंच का खेल भी शुरू हो गए है। ऐसे में प्रदेश की हॉट सीट कही जाने वाली ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए पेंच फंस गया है। इस सीट पर तेजी से समीकरण बदलते हुए देखे जा रहे हैं। यहां न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस में भी उथल-पुथल तेज हो गई है। ऐसे में कांग्रेस महासचिव व गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते रविवार को अपने अल्प प्रवास पर ग्वालियर आने के बाद आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक बुलाई।
जिसमें प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,लाखन सिंह यादव,इमरती देवी, विधायक मुन्नाालाल गोयल, प्रवीण पाठक सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों व वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शहर जिलाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने प्रस्ताव पढकऱ सुनाया कि ग्वालियर सीट से प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया (ज्योतिरादित्य की पत्नी) को टिकट दिया जाए। जिस पर पांच मिनट में ही सभी ने हाथ उठाकर सहमति दे दी और प्रस्ताव को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को तत्काल फैक्स कर दिया गया था। खास बात यह थी बैठक में टिकट के प्रबल दावेदार अशोक सिंह और दिग्विजय खेमे का एक भी वरिष्ठ नेता मौजूद नहीं रहा। जिसकी चर्चा भी पूरे शहर भर में होती रही।
गाड़ी में बैठकर बनाई रणनीति
सांसद सिंधिया शताब्दी एक्सप्रेस से ग्वालियर आए और स्टेशन से ही उनकी गाड़ी में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,इमरती देवी,लाखन सिंह यादव,शहर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा,ग्रामीण अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल बैठ गए थे। बताया जाता है कि गाड़ी में ही तय हो गया था कि कांग्रेस कार्यालय में बैठक बुलाकर प्रियदर्शिनी राजे के नाम का प्रस्ताव पारित किया जाए। इसके बाद शहर जिलाध्यक्ष डॉ. शर्मा ने दोपहर तीन बजे कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने की सूचना जारी कर दी। सिंधिया पौने एक बजे कोलारस रवाना हो गए और इधर कांग्रेस कार्यालय में प्रियदर्शिनी के लिए प्रस्ताव पारित हो गया और उसे तुंरत ही राहुल गांधी को भी भेज दिया गया था।
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प्रियदर्शनी को ग्वालियर से लड़ाने का आग्रह
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपनी पत्नी प्रियदर्शनी राजे को ग्वालियर से चुनाव लड़ाने का आग्रह किया है। सिंधिया गुना सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात रविवार को पत्रकारों के साथ हुई अनौपचारिक चर्चा के दौरान कही थी।
क्या सिंधिया को इंदौर से लड़ाने की रणनीति?
ग्वालियर सीट से कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह प्रबल दावेदार हैं। मोदी लहर के बावजूद वह पिछला चुनाव महज 34 हजार वोटों से हारे थे। सिंह पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव खेमे के कहे जाते थे। सिंधिया ने ग्वालियर में उनके समर्थन में एक भी सभा या रैली नहीं की थी।
उस समय राजनीतिक गलियारे में चर्चा थी कि वे अशोक सिंह के विरोधी हैं। इस बार भी सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ,पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से सीधे संपर्क के कारण टिकट के प्रबल दावेदार हैं। दूसरी चर्चा यह है कि कांटे वाली सीटों से बड़े नेताओं के लडऩे की बयानबाजी के कारण ही दिग्विजय सिंह को भोपाल भेजा गया है। इसलिए दिग्विजय समर्थक भी चाहते हैं कि सिंधिया को भी इंदौर भेजा जाए।
क्या ग्वालियर से लड़ सकते है सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक गुना-शिवपुरी से ही लड़ते रहे हैं। इसलिए चर्चा यह भी है कि जब सीट बदलने का दबाव बनेगा तो वे ग्वालियर का दावा ठोक सकते हैं। क्योंकि ग्वालियर से भी कभी नहीं लड़े। इंदौर उनके लिए कांटे का ताज होगा। ग्वालियर सीट पर सीधे तौर पर महल का प्रभाव रहा है। इसलिए गुना-शिवपुरी सीट छोडऩे का दबाव बनने पर सिंधिया ग्वालियर की बात कह सकते हैं।
भाजपा के पास चेहरा नहीं
सिंधिया के मुकाबले ग्वालियर में भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि जो बैठक बीते रोज हुई थी वह सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी,जिससे प्रियदर्शिनी के बहाने सिंधिया को आगे किया जाए। वहीं प्रियदर्शिनी को भी टिकट मिलता है तो भी कांग्रेस को जीत का भरोसा रहेगा।
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