बन रहा है विशेष योग
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस साल गणेश चतुर्थी पर बेहद शुभ योग बन रहा है। ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र हैं। ये शुभ संयोग तमाम लोगों की मनोकामना को पूर्ण करने में मददगार होगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस साल गणेश चतुर्थी पर बेहद शुभ योग बन रहा है। ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र हैं। ये शुभ संयोग तमाम लोगों की मनोकामना को पूर्ण करने में मददगार होगा।
इस चौपाई का जाप करने से पूरी होगी कामना
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस के बीच प्रतिदिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर एकांत कमरे में पवित्र आसन पर उत्तर—पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें। भगवान गणेश का ध्यान करें फिर एक चौपाई की सात माला का जाप करें। ऐसा पूरे दस दिनों तक करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और धन के संकट दूर हो जाएंगे। चौपाई इस प्रकार है—
गणपति गजवंदन, संकर सुवन भवानी नंदन
सिद्धि सदन गज बदन विनायक, कृपासिंधु सुंदर सब लायक
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता, विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
मांगत तुलसिदास कर जोरे, बसहिं राम सिय मानस मोरे
प्रतिदिन इसी मंत्र का जप सात माला करें
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस के बीच प्रतिदिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर एकांत कमरे में पवित्र आसन पर उत्तर—पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें। भगवान गणेश का ध्यान करें फिर एक चौपाई की सात माला का जाप करें। ऐसा पूरे दस दिनों तक करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और धन के संकट दूर हो जाएंगे। चौपाई इस प्रकार है—
गणपति गजवंदन, संकर सुवन भवानी नंदन
सिद्धि सदन गज बदन विनायक, कृपासिंधु सुंदर सब लायक
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता, विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
मांगत तुलसिदास कर जोरे, बसहिं राम सिय मानस मोरे
प्रतिदिन इसी मंत्र का जप सात माला करें
मध्याह्न काल में करें गणपति की स्थापना
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का सबसे श्रेष्ठ समय मध्याह्न काल ही माना जाता है क्योंकि भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न के समय ही गणेश जी का जन्म हुआ था। इस बार स्थापना के लिए वैसे तो पूरे दिन का समय शुभ है। सुविधा के अनुसार कभी भी भगवान की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं, लेकिन अति शुभ समय सुबह लगभग 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का सबसे श्रेष्ठ समय मध्याह्न काल ही माना जाता है क्योंकि भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न के समय ही गणेश जी का जन्म हुआ था। इस बार स्थापना के लिए वैसे तो पूरे दिन का समय शुभ है। सुविधा के अनुसार कभी भी भगवान की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं, लेकिन अति शुभ समय सुबह लगभग 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा।