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गणेश चतुर्दशी से अनंत चौदस तक करें इस चौपाई का पाठ, धन संकट छूमंतर हो जाएगा, जानिए कब है गणेश चतुर्थी…

locationआगराPublished: Aug 27, 2019 06:41:04 pm

Submitted by:

suchita mishra

जानिए गणेश चतुर्थी, गणेश स्थापना का समय, योग आदि की पूरी जानकारी।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बीतने के बाद गणपति के आगमन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को मनायी जाएगी। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी से दस वर्षीय गणेशोत्सव की शुरुआत होती है। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति घर घर में पधारते हैं और दस दिनों तक विराजमान रहते हैं। इस दौरान उनका सेवा सत्कार और पूजन आदि किया जाता है। अनंत चौदस के दिन उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर उनका विसर्जन किया जाता है।
बन रहा है विशेष योग
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस साल गणेश चतुर्थी पर बेहद शुभ योग बन रहा है। ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र हैं। ये शुभ संयोग तमाम लोगों की मनोकामना को पूर्ण करने में मददगार होगा।
ganpati
इस चौपाई का जाप करने से पूरी होगी कामना
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस के बीच प्रतिदिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर एकांत कमरे में पवित्र आसन पर उत्तर—पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें। भगवान गणेश का ध्यान करें फिर एक चौपाई की सात माला का जाप करें। ऐसा पूरे दस दिनों तक करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और धन के संकट दूर हो जाएंगे। चौपाई इस प्रकार है—
गणपति गजवंदन, संकर सुवन भवानी नंदन
सिद्धि सदन गज बदन विनायक, कृपासिंधु सुंदर सब लायक
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता, विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
मांगत तुलसिदास कर जोरे, बसहिं राम सिय मानस मोरे
प्रतिदिन इसी मंत्र का जप सात माला करें
मध्याह्न काल में करें गणपति की स्थापना
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का सबसे श्रेष्ठ समय मध्याह्न काल ही माना जाता है क्योंकि भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न के समय ही गणेश जी का जन्म हुआ था। इस बार स्थापना के लिए वैसे तो पूरे दिन का समय शुभ है। सुविधा के अनुसार कभी भी भगवान की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं, लेकिन अति शुभ समय सुबह लगभग 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा।
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